Fraud Docter : इ खबरटुडे की खबर का असर,इलाज के नाम पर धोखाधडी करने वाले के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज,धोखाधडी की कुछ और शिकायतें भी सामने आई

रतलाम,26 मार्च (इ खबरटुडे)। लाइलाज बीमारी के शर्तिया इलाज के नाम पर धोखाधडी करने वाली गैैंग के बारे में इ खबर टुडे द्वारा एक्सक्लूसिव खबर सामने लाई जाने के बाद पुलिस हरकत में आई और बुधवार को दीनदयाल नगर पुलिस थाने पर आरोपी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया। हांलाकि फरियादी द्वारा इसी तरह के दूसरे ठग को पकड कर पुलिस को सौंपे जाने के बाद पुलिस ने दूसरे ठग के साथ क्या कार्यवाही की यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। इलाज के नाम पर धोखाधडी किए जाने की खबर सामने आने के बाद इसी तरह की ठगी कई अन्य लोगों के साथ होने की भी खबरें आ रही है।
उल्लेखनीय है कि इ खबरटुडे ने मंगलवार को शहर में इलाज के नाम पर धोखाधडी करने वाली गैैंग के सक्रिय होने की खबर प्रकाशित की थी। सैनिक नगर निवासी अंकित अग्र्रवाल के साथ डा. कुणाल पटेल नामक कथित डाक्टर द्वारा 30 हजार रु. की धोखाधडी की गई थी।
धोखाधडी का शिकार बनने के बाद,अंकित अग्र्रवाल को दोबारा उसी तरह से धोखाधडी का शिकार बनाने की कोशिश की गई थी,लेकिन अंकित की सक्रियता के चलते दूसरे कथित डाक्टर सिद्धिकी को पकड लिया गया था और अंकित व उसके साथियों ने दूसरे ठग को पकड कर पुलिस को सौंप दिया था।
लेकिन इसके बावजूद दीनदयाल नगर पुलिस ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई उलटे पुलिस अधिकारी कथित डाक्टर सिद्धिकी का बचाव करते नजर आ रहे थे। पुलिस ने उक्त कथित डाक्टर सिद्धिकी के विरुद्ध कोई प्रभावी कार्यवाही भी नहीं की।
इ खबरटुडे की खबर का असर
इ खबरटुडे ने मंगलवार शाम को जब यह पूरा मामला प्रकाशित किया तो पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में यह प्रकरण आया और इसके बाद दीनदयाल नगर के अधिकारियों को इस मामले में प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए। फरियादी अंकित अग्र्रवाल ने आज इस मामले को लेकर एसपी अमित कुमार से भी मुलाकात की थी। एसपी अमित कुमार ने फौरन दीनदयाल नगर थाने को इस मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए।
दीनदयाल नगर पुलिस ने फरियादी अंकित की रिपोर्ट पर आरोपी डा.कुणाल पटेल और दीपक शर्मा के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।
कई और शिकायतें भी सामने आई
इ खबरटुडे ने पहले ही इस बात की आशंका व्यक्त की थी,कि शहर में इलाज के नाम पर लोगों के साथ धोखाधडी करने वाली गैैंग सक्रिय है। जैसे ही इलाज के नाम पर धोखाधडी होने की खबर वायरल हुई,इसी तरह की धोखाधडी के शिकार बने कई अन्य लोग भी सामने आने लगे हैैं।
पीएण्डटी कालोनी निवासी प्रकाश चौधरी पिता रामदास चौधरी उम्र 59 ने भी पुलिस को शिकायत की है कि उनके साथ भी ठीक इसी तरह की धोखाधडी की गई है। प्रकाश चौधरी ने अपनी शिकायत में बताया कि 18 मार्च को उन्हे दीपक शर्मा नामक एक व्यक्ति मिला था,जिसने पिता जी का इलाज करने के लिए डा. रुस्तम का नाम बताया था। प्रकाश चौधरी ने उक्त कथित डाक्टर रुस्तम से मोबाइल पर बात की और 20 मार्च को डा. रुस्तम इलाज करने के लिए प्रकाश चौधरी के पास पंहुच गया। इस डाक्टर रुस्तम ने प्रकाश चौधरी को 41 हजार का चूना लगा दिया।
एक हफ्ते में तीन नकली डाक्टर मिले,फिर भी पुलिस की सक्रियता का अभाव
उल्लेखनीय है कि पहले फरियादी अंकित अग्र्रवाल के साथ हुई धोखाधडी की घटना से लगाकर अब तक एक ही तरह की धोखाधडी करने वाले तीन कथित डाक्टरों की जानकारी सामने आ चुकी है। अंकित अग्र्रवाल के साथ धोखाधडी करने वाले डा. कुणाल पटेल के बाद डा. सिद्धिकी को तो अंकित अग्र्रवाल ने खुद पकड कर पुलिस को सौंपा था। इसके बाद तीसरी शिकायत प्रकाश चौधरी की आई है,जिसमें डाक्टर का नाम डा. रुस्तम सामने आया है।
अंकित अग्र्रवाल द्वारा पकडे गए डा. सिद्धिकी को पुलिस ने फिलहाल शांतिभंग की आशंका के आरोप में पकडा है। इस व्यक्ति ने अंकित अग्र्रवाल को अपना नाम डा. सिद्दिकी बताया था,लेकिन पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में उसका वास्तविक नाम मोहम्मद रमजानी पिता शौकत अली होने की जानकारी मिली। यह व्यक्ति कहां का निवासी है और उसने अब तक कितने लोगों का इस तरह इलाज किया है,इस बारे में पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की।
फिलहाल यह व्यक्ति न्यायिक निरोध में है। प्रारंभिक तौर पर पुलिस अधिकारियों का कहना था कि इसके विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता। लेकिन इस व्यक्ति ने अंकित को अपना नाम डा. सिद्दिकी बताया था,जबकि इसका वास्तविक नाम कुछ और निकला। इतना ही नहीं स्वयं को डाक्टर बताने वाले इस व्यक्ति के पास इलाज करने की कोई अधिकारिता नहीं थी और ना ही कोई डिग्र्री थी। लेकिन पुलिस अधिकारियों को इसमें किसी प्रकार की संदिग्धता नजर नहीं आई।
तीन तीन नकली डाक्टरों की जानकारी सामने आने के बाद भी पुलिस इस तरह की कोई गैैंग होने की बात मानने को तैयार नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस तरह की धोखाधडी के कुछ और मामलों की जानकारी भी सामने आ रही है। इतना ही नहीं देश के अलग अलग इलाकों में भी इसी तरह की धोखाधडी के किस्से सामने आते रहे है।
अब सवाल ये है कि धोखाधडी के मामलों में लिप्त एक व्यक्ति पुलिस के कब्जे में होने के बाद पुलिस इस गैैंग का पर्दाफाश करने में रुचि लेती है या नहीं? फरियादी अंकित की रिपोर्ट में धोखाधडी करने वालों के मोबाइल नम्बर भी उल्लेख किए गए हैैं। डा. सिद्धिकी का मोबाइल और वह स्वयं भी फिलहाल पुलिस के कब्जे में ही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि पुलिस जल्दी ही इस पूरी गैैंग का पर्दाफाश करेगी।